क्या कोरोना वायरस धीरे धीरे कमजोर होता जा रहा है ?

क्या कोरोना वायरस धीरे धीरे कमजोर होता जा रहा है ?
कोरोना वायरस क्या है? इसकी उत्पत्ति कहाँ और कैसे हुई?
JMKTIMES! कोरोनावायरस (coronavirus slowly becoming weaker) कई वायरसो का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो कभी–कभी जानलेवा होते हैं।गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका या वायररोधी अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।
चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर पूरे विश्व फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा है|
2017 में नागालेंड से वुहान इंस्टीट्युट यह वायरस चीन लेकर गया था, और फिर वहां से “जाने अनजाने” में यह पूरी दुनिया में फैला।
- वुहान के करीब एक मांस मंडी है, और ज्यादातर (coronavirus slowly becoming weaker) प्राथमिक रोगी इस इलाके के आस पास से थे। तो यह माना जा रहा है कि चमगादड़ के सूप वगेरह से यह वायरस मानव शरीर में चला गया और फिर फैलने लगा। कोरोना का वाहक ये चमगादड़ वहां कैसे आये इस बारे में पक्के तौर पर कुछ पता नहीं।
- वुहान इंस्टीट्युट के 2 शोधार्थी भी कोरोना से ग्रस्त हुए है, अत: यह सम्भावना है कि शोध के दौरान ये लोग इससे संक्रमित हो गए हो और फिर उनसे यह अन्य में फ़ैल गया हो।
कितना घातक है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.
फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का (coronavirus slowly becoming weaker) इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.
56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि –
- 6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
- 14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
- 80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.
कोरोना वायरस अब कमजोर हो रहा है । इसकी वजह यह है कि जिस तरह से हम मानव कुछ वर्षों के बाद मर जाते हैं और मानव जाति समुदाय को पृथ्वी पर बनाये रखने के लिए नए संतान को जन्म देते हैं । और यह प्रकिर्या चलती रहती है
ठीक इसी प्रकार कोरोना वायरस भी मरते हैं और नए पैदा लेते हैं । पर नए जन्मे वायरस कितना मजबूत होगा वह इस बात पर निर्भर करता है कि वायरस जहाँ रह रहे हैं वह वातावरण उनके लिए कितना अनुकूलित है। चूँकि कोरोना वायरस हम मानव को शरीर को अभी अपना घर बनाये हुए है और हम मानव का शरीर इसके वजह से अस्थिर हो रहा है और मौत भी हो रही है। जिसके कारण तकलीफ सिर्फ हम मानव को नही बल्कि कोरोना वायरस को भी हो रहा है।
वह भी अनुकूल वातावरण चाहता है जहां (coronavirus slowly becoming weaker) वह आरामदायक स्थिति में रह सके और जिसके अंदर रहे उसे भी कोई परेशानी न हो। पर ऐसा नही है । मानव के शरीर के अंदर उसे anti-ecofriendly वातावरण मिलता है। जिसके कारण उसकी आने वाले वंश कमजोर पैदा लेंगे। जो मानव जाति के लिए एक अच्छा संकेत है।
और सच मे ऐसा देखा गया है जो देश पर कोरोना ने आक्रमण किया है वहाँ धीरे धीरे मृत्यु दर में कमी आयी है । ऐसा अपना देश भारत मे भी देखने को मिला है
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