दीपावली 2020: जानें लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, तैयारी और पूरी विधि

दीपावली 2020: जानें लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, तैयारी और पूरी विधि
हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दीपावली को मनाने का समय करीब आ गया है. दिवाली या दीपावली का शुभ त्योहार इस साल 14 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा. इस दिन हर घर में देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है और भक्त उनसे धन-समृद्धि मांगते हैं. इस दिन घरों, दुकानों और दफ्तरों को दीयों, मिट्टी के बर्तनों, जगमगाती रोशनी और फूलों से सजाया जाता है. लक्ष्मी पूजा के दिन शाम को लोग पारंपरिक परिधानों में सजकर पूजा करते हैं.
लक्ष्मी पूजा 2020 का मुहूर्त:-
इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को शाम 05:28 बजे से शाम 07:24 बजे तक है (अवधि 1 घंटा 56 मिनट). वहीं प्रदोष काल शाम 05:27 से शाम 08:07 तक रहेगा. वहीं अमावस्या की तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02:17 बजे से 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे तक रहेगी.
लक्ष्मी पूजन की विधि:-
1. लक्ष्मी पूजन के लिए खासी तैयारियां करनी पड़ती हैं. इसके लिए सबसे पहले अपने घर पर एक स्थान तय करें जहां आप पूजन करना चाहते हैं. घर में जहां मंदिर हो, उस जगह पर लक्ष्मी पूजन की जा सकती है. इस जगह को गंगाजल या सादे पानी से साफ करें. फिर लकड़ी के पटे पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर चावल के आटे से बनी एक छोटी रंगोली बनाएं. यहां सम्मानपूर्वक देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को रखें. इसके दायीं या बायीं ओर एक मुट्ठी अनाज रखें.
2. इसके बाद ‘कलश’ तैयार करें. ‘कलश’ को पानी, एक सुपारी, गेंदे का एक फूल, सिक्के और चावल से भरें. कलश पर नारियल रखें, जिसके रेशे वाला हिस्सा ऊपर की ओर हो. इसी नारियल के चारों ओर आम के 5 पत्ते लगाएं.
3. अब ‘पूजा की थाली’ तैयार करें. इसमें अक्षत (चावल) रखें, हल्दी पाउडर से कमल का फूल बनाएं और उस पर लक्ष्मी जी की मूर्ति रखें. मूर्ति के आगे कुछ सिक्के रखें.
4. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूजा या हवन करते समय सबसे पहले प्रथमपूज्य भगवान गणेश को आमंत्रित किया जाता है. इसलिए ‘कलश’ के दाहिनी ओर गणपति की एक मूर्ति रखें. याद रखें कि यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो. भगवान के माथे पर हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं, अक्षत चढ़ाएं.
5. इसके बाद आप अपने व्यापार या पेशे से जुड़े बही-खातों या कलम आदि को यहां रखकर देवी-देवता का आशीर्वाद लें. इसके बाद दीपक जलाएं.
6. घी का दिया जलाकर पूजा की थाली में रखें. इस पर अक्षत, कुमकुम और फूल छिड़कें. कलश पर तिलक लगाएं और उस पर कुछ फूल भी चढ़ाएं.
7. अब देवी का आह्वान करें. इसके लिए लक्ष्मी मां के वैदिक मंत्रों का सही ढंग से जाप करें. आंखें बंद करके देवी की प्रार्थना करें, उन्हें फूल और चावल अर्पित करें.
8. देवी को एक प्लेट में रखकर स्नान कराएं, उन पर पंचामृत चढ़ाएं. मूर्ति को फिर से जल से शुद्ध करके पोछें. उनको हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं, अक्षत चढ़ाकर, फूलों की ताजी माला पहनाएं. देवी के सामने अगरबत्ती लगाएं.
9. फिर देवी को मिठाईयों का भोग लगाएं, उनके सामने नारियल, पान के पत्ते पर सुपारी रखें. मां देवी को दीवाली मिठाई, फल, धन या कोई कीमती आभूषण भेंट में चढ़ाएं.
10. आखिर में घर के सभी लोग मिलकर देवी की आरती करें, उनसे धन-समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थना करें. इसी तरह भगवान गणेश की भी प्रार्थना करें.
दिवाली पर इन्हें भी पूजें
दिवाली पर केवल महालक्ष्मी की ही नहीं बल्कि साथ ही साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना भी श्रद्धा पूर्वकर की जानी चाहिए, तब ही मां प्रसन्न होती है. इसके अलावा इस दिन यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, हनुमानजी, कुल देवता व पितरों का भी श्रद्धा पूर्वक पूजना चाहिए.
दिवाली पर पढ़े ये पाठ
दिवाली में श्री सूक्त का पाठ जरूर करें. साथ ही साथ विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम आदि का पाठ भी आपके ग्रह-नक्षत्रों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है.
दोनों दिवाली एक ही दिन
इस बार दोनों दिवाली एक ही दिन मनायी जाएगी. कार्तिक मास की त्रयोदशी से भाईदूज तक दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. लेकिन, इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन पड़ रही है. आपको बता दें कि कार्तिक मास की त्रयोदशी इस वर्ष 13 नवंबर को और छोटी व बड़ी दिवाली 14 नवंबर को है.
दिवाली शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा शनिवार, नवंबर 15, 2020 पर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 17:28 से 19:24
अवधि – 1 घण्टा 56 मिनट्स
प्रदोष काल -17:28 से 20:07
वृषभ काल – 17:28 से 19:24
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवंबर 14, २०२० को 14:17 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवंबर 15, २०२० को 10:36 बजे