फेक’ लेटर वायरल – राम मंदिर के जल्द निर्माण को PM मोदी ने योगी को भेजे थे 50 करोड़ रुपये

फेक’ लेटर वायरल – राम मंदिर के जल्द निर्माण को PM मोदी ने योगी को भेजे थे 50 करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का (pm modi latter fake) सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नाम अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भेजा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। पत्र में पीएम मोदी ने योगी को ‘हिंदू राष्ट्र’ में उनके योगदान के लिए बधाई दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। पत्र में पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को ‘हिंदू राष्ट्र’ में उनके योगदान के लिए बधाई दी है। साथ ही कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के लिए उन्हें 50 करोड़ रुपये भेजेंगे। हालांकि PIB Fact Check ने ट्विटर पर पत्र का स्क्रीनशॉट पोस्ट कर इसे फेक करार दिया है।
वायरल पत्र यूपी के सीएम योगी के नाम प्रधानमंत्री (pm modi latter fake) कार्यालय से जारी किया गया है। पत्र में लिखा था, ‘मैं आपको और आपकी टीम को हिंदू राष्ट्र में आपके बहुमूल्य योगदान के लिए बधाई देता हूं। राम मंदिर निर्माण में इस मील के पत्थर को पूरा करने के लिए आपकी ईमानदार और कड़ी मेहनत के लिए हिंदू हमेशा आपके और आपकी टीम के आभारी रहेंगे, जो हिंदू राष्ट्र के लिए एक नया इतिहास बनाएगा।’
Claim: A Facebook user, has posted a letter, allegedly written by PM @narendramodi to Chief Minister of #UttarPradesh @myogiadityanath#PIBFactCheck: This letter is #Fake pic.twitter.com/9dHdcEEMu4
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 9, 2020
पत्र में पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए आदित्यनाथ को बधाई दी। कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मैं राम मंदिर के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये भेज रहा हूं।
5 अगस्त को पीएम मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर (pm modi latter fake) का शिलान्यास किया और मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया। बहुप्रतीक्षित समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश भर के कई हाई-प्रोफाइल गणमान्य व्यक्तियों और संतों सहित 175 लोगों ने हिस्सा लिया।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया था, जिससे हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच जमीन के मालिकाना हक को लेकर लंबे समय से चली आ रही अदालती लड़ाई खत्म हो गई थी।